UGC will make the courses flexible | 2 साल में ही कर सकेंगे ग्रेजुएशन: UGC चेयरमैन ने बताया प्‍लान, अगले साल तक आ सकता है ऑप्शन

UGC will make the courses flexible | 2 साल में ही कर सकेंगे ग्रेजुएशन: UGC चेयरमैन ने बताया प्‍लान, अगले साल तक आ सकता है ऑप्शन

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अब आपको दो साल में ग्रेजुएशन डिग्री मिल सकती है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने ग्रेजुएशन प्रोग्राम को और आसान बना दिया है। UGC चेयरमैन एम.जगदीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि कोई भी स्टूडेंट अपने सिलेबस का टाइम ड्यूरेशन अब घटा-बढ़ा सकता है। ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम जो 3 से 4 साल का होता है, उसे स्टूडेंट्स घटाकर दो-ढाई साल का भी कर सकते हैं।

इसके साथ ही कमजोर स्टूडेंट्स अपने ग्रेजुएशन प्रोग्राम का समय बढ़ाकर 5 साल तक कर सकते हैं।

UGC चेयरमैन बोले- IIT डायरेक्टर का सुझाव अमल में लाएंगे

चेन्नई में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 कार्यक्रम समिट के दौरान जगदीश कुमार ने ये बात कही। UGC चेयरमैन नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) पर ऑटोनॉमस कॉलेजों के लिए साउथ जोन समिट के मौके पर IIT-मद्रास पहुंचे थे। यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि IIT मद्रास के डायरेक्टर वी कामाकोटी ने एक नई स्कीम का सुझाव दिया था और इसे UGC ने मंजूरी दे दी है।

इससे पहले कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर UGC चेयरमैन ने कहा कि ऑटोनॉमस कॉलेज और इंस्टीट्यूट कम्युनिकेशन के लिए इंग्लिश का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई का माध्यम मातृभाषा रखें। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के स्टूडेंट्स को मदद मिलेगी और सीखने का बेहतर मौका मिलेगा।

डिग्री के बीच ब्रेक भी ले सकते हैं स्टूडेंट्स इससे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत UGC डिग्री के बीच में ब्रेक लेने का ऑप्शन भी स्टूडेंट्स के लिए ला चुका है। अगर कोई स्टूडेंट चाहे तो वह कोर्स से ब्रेक ले सकता है और बाद में वापस आकर इसे पूरा कर सकता है। इसे लेकर UGC चेयरमैन ने कहा कि हमारा काम स्टूडेंट्स को क्रिटिकल थिंकर बनाना है। हम उन्हें ऐसा बनाना चाहते है जिससे वो देश के विकास में मदद कर सकें।

उन्होंने आगे कहा कि UGC ने पहले ही कई एंट्रेंस और एग्जिट ऑप्शन दिए हैं, ताकि कमजोर स्टूडेंट्स ब्रेक ले सकें और अपनी पसंद के अनुसार सिलेबस पूरा कर सकें। हमारा उद्देश्य स्टूडेंट्स को ज्यादा फ्लेग्जिबल बनाएगा और ज्यादा मौके देगा।

इसके साथ ही जगदीश कुमार ने कहा कि 12-13 नवंबर को दिल्ली में हायर एजुकेशन की बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEP 2020 की प्रोग्रेस को रिव्यू किया है और इसे लागू करने की बात कही है। पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों ने शिक्षा नीति का विरोध किया। इन राज्यों ने चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम शुरू किए। तमिलनाडु ने NEP को नहीं अपनाया था और इसके बजाय राज्य शिक्षा नीति का फॉर्मेट तैयार किया था। ऐसे में यह एक अच्छी शुरुआत होगी।

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